गारवा....
गारवा, वार्यावर भिरिभर पारवा, नवा नवा
प्रिये नभात ही चांदवा नवा नवा
गवतात गाणे झूलते कधीचे
हिरवे किनारे हिरव्या नदीचे
पाण्यावर सरसर काजवा नवा नवा
प्रिये मनात ही ताजवा नवा नवा
आकाश सारे माळून तारे
आता रुपेरी झालेत वारे
अंगभर थर थर थर नाचवा नवा नवा
प्रिये तुझा जसा गोडवा नवा नवा
विशाल..गारवाप्रेमी
Saturday, November 18
गारवा....
Posted by Vishal at 11/18/2006 12:04:00 AM
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